मेरे मन में समाज व धर्म के लिए कुछ रचनात्मक कार्य करने का विचार १९७६ में उत्पन्न हुआ। चूंकि
ऐसा महान कार्य बिना लोगों के सहयोग के अकेले करना सम्भव नहीं था। इस लिए वर्ष १९७७ के प्रारम्भ
में हर्रैया क्षेत्र के कुछ सम्भ्रान्त लोगों की एक बैठक राजघाट के पास एक बाग में बुलायी गयी।
बैठक का काम वर्षों तक चलता रहा। फलतः बाबा साहब एवं भगवान बुद्ध के विचारों के आधार पर समाज को
संगठित करने एवं सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु बाबा साहब डॉ० अम्बेडकर समाज सुधार समिति,
हर्रैया, बस्ती नामक संस्था का गठन किया गया और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उसे रजिस्टर्ड कराया
गया। पहले इसका कार्य क्षेत्र तहसील स्तर का था। फिर धीरे-धीरे आवश्यकता पड़ने पर इसे जिला
स्तरीय, प्रान्त स्तरीय और बाद में राष्ट्र स्तरीय बना दिया गया। बाबा साहब के अनुयायियों के
सहयोग से आज यह संस्था उत्तरोत्तर विकास की ओर अग्रसर है और देश में अपनी अलग पहचान बना चुकी
है।
Believe nothing, no matter where you read it, or who said it, no
matter if I have said it, unless it agrees with your own reason and your own common
sense.